Shodashi - An Overview
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Inspiration and Empowerment: She is a image of power and bravery for devotees, specifically in the context from the divine feminine.
कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं
कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।
The Chandi Route, an integral Section of worship and spiritual practice, Specially through Navaratri, isn't simply a textual content but a journey in itself. Its recitation is a robust tool inside the seeker's arsenal, aiding while in the navigation from ignorance to enlightenment.
सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥
ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥
पुष्पाधिवास विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि
देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश check here तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
चक्रे बाह्य-दशारके विलसितं देव्या पूर-श्र्याख्यया
यामेवानेकरूपां प्रतिदिनमवनौ संश्रयन्ते विधिज्ञाः
Lalita Jayanti, a major festival in her honor, is celebrated on Magha Purnima with rituals and communal worship occasions like darshans and jagratas.
स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।